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30 सितंबर को क्यों मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस

 

Artical by - अजय भुजबळ

 
कुछ समय पहले भारत की लेखिका गीतांजलि श्री की पुस्तक ‘रेत समाधि' के अंग्रेजी अनुवाद ‘टॉम्ब ऑफ सैण्ड’ को बुकर पुरस्कार मिला। साहित्य की दुनिया में बुकर पुस्कार सर्वश्रेष्ट पुरस्कारों में से एक माना जाता है। रेत समाधि जो कि एक हिंदी उपन्यास है, जिसका अनुवाद अंग्रेजी में किया गया था। ऐसे में कह सकते हैं कि अनुवाद एक दूसरे तक पहुंचने के लिए वो सशक्त माध्यम है, जो तमाम भाषाई बाधाओं को दूर करता है। 30 सितंबर को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, यह दिन भाषा पेशेवरों के काम को सराहने का दिन है, जो राष्ट्रों को एक साथ लाने, संवाद, समझ और सहयोग को सुविधाजनक बनाने, विकास में योगदान देने और विश्व शांति और सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
 

अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस


अनुवाद और भाषाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 30 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाया जाता है, जो समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मददगार साबित होता हैं। इस अवसर का उद्देश्य अनुवादकों को अच्छा कार्य जारी रखने के लिए प्रेरित करना भी। इस दिन के बारे में अधिक जानने के लिए आइए समझते हैं इसके इतिहास को और जानते हैं क्या है इस वर्ष अनुवाद दिवस की थीम...
 
अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस का इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस बाइबल अनुवादक सेंट जेरोम की पुण्यतिथि पर मनाई जाता है। बाइबल अनुवादक सेंट जेरोम जिन्हें अनुवादकों का जनक माना जाता है । वह उत्तरपूर्वी इटली के एक पुजारी थे जिन्होंने नए नियम की बाइबिल ग्रीक पांडुलिपियों का लैटिन में अनुवाद किया था। लैटिन में अनुवाद करने के उनके प्रयास के लिए उन्हे जाना जाता है। उन्होंने हिब्रू इंजील के कुछ हिस्सों का ग्रीक में अनुवाद भी किया, इसका "संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट में उल्लेख किया गया है। 30 सितंबर 420 ई.को बेथलहम के पास जेरोम की मृत्यु हो गई थी। इस अवसर को ध्यान रखते हुए 1953 में स्थापित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर्स, FIT ने दुनिया भर में अनुवाद पेशे को बढ़ावा देने के लिए 1991 में अनुवाद दिवस को मान्यता देने का विचार शुरू किया।  24 मई  2017 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा एक प्रस्ताव पारित करने के बाद यह दिन अस्तित्व में आया।  30 सितंबर को बाइबल अनुवादक सेंट जेरोम इन्हे श्रद्धांजलि देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस  चुना गया। भाषा पेशेवरों की भूमिका के महत्व को पहचानने के बाद 11 देशों द्वारा इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए गए और 24 मई, 2017 को महासभा ने भाषा पेशेवरों के लिए एक प्रस्ताव अपनाया और 30 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस के रूप में घोषित किया। जैसा कि यह बाइबल अनुवादक, सेंट जेरोम के पर्व के साथ भी मेल खाता है।
   
हम सभी जानते हैं कि सांस्कृतिक विविधता की रक्षा करने और शांति और सहयोग विकसित करने के लिए अन्य राष्ट्रों की भाषाओं को समझना कितना महत्वपूर्ण है। भाषा पेशेवरों की सहायता के बिना भाषाई सीमाओं को पार करना और अच्छा संचार बनाए रखना बहुत कठिन होता है।
 

इस वर्ष अनुवाद दिवस की क्या रहेगी थीम  

अंग्रेजी में बताया गया है की इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस का विषय 'ए वर्ल्ड विदाउट बैरियर' जिसका अनुवादित रूपांतर है 'एक दुनिया बिना बाधाओं की । जिसे हम कह सकते हैं कि दुनिया में और समाज में सब बाधाओं से  मुक्ति और  समस्याओं से छुटकारा पा सके ।
 

क्या कहा है UN ने  अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस के अवसर पर

अनुवाद दुनिया भर में संवाद, समझ और सहयोग प्रदान करता है और ग्लोबल गोल्स  की उपलब्धि में योगदान देता है। बहुभाषावाद, संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख मूल्य है । पहचान, संचार, सामाजिक एकीकरण, शिक्षा और विकास के लिए जटिल निहितार्थ वाली भाषाएं लोगों और ग्राहकों  के लिए सामरिक महत्व की हैं। इसी उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र भाषा पेशेवरों की  दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है। 




 

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